|| हरतालिका तीज व्रत कथा || Hartalika Teej Vrat Katha
.png)
हरतालिका तीज व्रत भादवा शुक्ल तृतीया को महिलाए अखण्ड सौभाग्य के लिये तथा कन्याए अच्छे वर कि प्राप्ति कि कामना के लिये व्रत करती है |इस व्रत के करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है | हरतालिक तीज के कथा सुनने व पढ़ने मात्र से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सुख-शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है। पूजन सामग्री केला, केला स्तम्भ, दूध, सुहाग पिटारी, गंगाजल, दही, तरकी, चूड़ी, चावल, घी, बिछिया, फूल, हार, शक्कर, कंघा, मृत्तिका, शहद, शीशा, चन्दन, कलश, नाड़ा, डोरा, केशर, दीपक, फल, पान, मिस्सी, धूप, कपूर, सुपारी, महावर की गोली, वस्त्र, सिंदुर, पकवान, यज्ञोपवीत, सुरमा, मिठाई। हरतालिका तीज व्रत कथा श्री परम पावन भूमि कैलाश पर्वत पर विशाल वट व्रक्ष के नीचे भगवान शिव-पार्वती सभी गणों सहित बाघम्बर पर विराजमान थे | बलवान वीरभद्र , भ्रंगी , श्रंगी , नंदी आदि अपने -अपने पहरों पर सदाशिव के दरबार कि शोभा बड़ा रहे थे | उसी सुअवसर पर महारानी पार्वती जी ने भगवान शिव से दोनों हाथ जोड़कर प्रश्न किया कि - "हे महेश्वर ! मेरे बड़े सौभाग्य है ज...